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लखनऊ :
सपा सरकार के दौरान ही इनके ऊपर कार्रवाई हुई थी तभी इन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अपनी जान का खतरा बताया था । उसके बाद बसपा में आये, लोकसभा में टिकट के चांस थे लेकिन महागठबंधन के बाद अखिलेश के विरोध पर इन्हें टिकट नहीं मिला । फिर कांग्रेस में आये, लेकिन यहां भी मन नहीं लगा । बहुत दिनों तक अखिलेश से मिलने का टाइम मांगते रहे लेकिन मौका नहीं मिला ।
वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव में इनके पुत्र सपा से बगावत करके निर्दल जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे । तभी से अखिलेश यादव इनसे और अधिक नाराज हो गए । सीतापुर और लखनऊ में रामपाल के कई अवैध निर्माण ध्वस्त कराए गए थे ।
2016 में जब शिवपाल सिंह यादव कुछ समय के लिए सपा के प्रदेश अध्यक्ष बने थे तो उन्होंने रामपाल यादव का सपा से निष्कासन वापस ले लिया था लेकिन कुछ दिन बाद ही अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए और फिर रामपाल सपा से बाहर हो गए । तबसे लेकर अब तक वो बसपा और कांग्रेस के चक्कर काटते रहे और आज उन्हें भाजपा का सहारा मिला ।
सीतापुर के बिसवां के पूर्व विधायक रामपाल यादव आज आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए ।
-हरि भान यादव, लखनऊ