जोकि अपने नाम के साथ ब्राह्मण का टाइटल (गोत्र) ही नहीं लगाते, जब आपको टाइटल लगाने में इतनी शर्म आ रही है, तो आप ब्राह्मणों की बात क्या करोगे, शायद ऐसे लोग समाज के सौदागर के अलावा कुछ नहीं हो सकते ।
जिस भारतीय जनता पार्टी सरकार से भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव के अवकाश की मांग कर रहे थे, निर्दोष खुशी दुबे को न्याय दिलाने की बात कर रहे थे, शायद अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते इन सब बातों को दरकिनार करते हुए आपने भारतीय जनता पार्टी का सदस्य होना उचित समझा ।
फिलहाल ब्राह्मण समाज सहित हम सब इस बात का इंतजार कर रहे हैं, सरकार से आप भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की अवकाश की घोषणा एवं निर्दोष खुशी दुबे सहित पीड़ित ब्राह्मण समाज के लोगों को न्याय कब तक दिलवा रहे हैं ?