आमतौर पर चांद की दूरी धरती से 406,300 किलोमीटर रहती है. लेकिन जब यह दूरी कम होकर 356,700 किलोमीटर हो जाती है तब चांद बड़ा दिखाई देता है. इसलिए इसे सुपरमून कहते हैं ।
शोध की दृष्टि से ये रात्रि खगोल शास्त्रियों, परा-वैज्ञानिकों, Occultists , spiritualists के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती ।
बुध (Mercury) को हम occultist भी मानते हैं । इसीलिए भी Super Moon विशेष हो जाता है क्यूँकि ये बुधवार की रात होने वाला ग्रहण है । बहुत से देशों में इस रात्रि को Occult के बहुत से प्रयोग किए जाते हैं। भारत में भी तांत्रिक सदैव अपने विशेष कार्यों की सिद्धि के लिए ग्रहण को विशेष मानते हैं ।
साल 2021 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण 26 मई यानी को दिखाई देगा । भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, इस साल का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण सुबह 2:17 बजे शुरू होगा और शाम 7:19 बजे तक दिखाई देगा । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पोर्ट ब्लेयर से ग्रहण को शाम पांच बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है । पुरी और मालदा में शाम 6 बजकर 21 मिनट पर चंद्रग्रहण देखा जा सकता है, लेकिन सिर्फ दो मिनट के लिए ।
-राकेश यादव, लखनऊ