मान्यवर कांशी राम जी की बामसेफ के पुराने सिपाही जनाब "गरीब राव रसिया" से कल आजमगढ़ में मुलाकात हुई । वह 91 बरस के हैं परंतु अभी भी साइकिल पर प्रतिदिन 60 किलोमीटर की यात्रा करना उनके लिए बच्चों के खेल जैसा है ।
आनंदित और सुखी जीवन व्यतीत कर रहे हैं । किसी प्रकार का कोई गम नहीं, मलाल नहीं, दुख नहीं; मलाल है तो सिर्फ इसी बात का कि उनका सामाजिक परिवर्तन का कारवां बिखर गया । जिसको अपनी आंखों के सामने कामयाब होते, परवान चढ़ते नहीं देख पाए । उनके बुलावे पर मैं कल आजमगढ़ पहुंचा और बहुत सारी बातें उन से साझा किया ।
उन्होंने कहा कि कांशीराम जी के "छोटे-छोटे साधन से बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने की नीति और कार्यशैली" के आधार पर ही भारत में लोकतंत्र को कामयाब बनाया जा सकता है और समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय पर आधारित सामाजिक व्यवस्था की स्थापना की जा सकती है ।
सामाजिक परिवर्तन मिशन के अभियान में साथ रहने का उन्होंने पूरा भरोसा दिया ।
इस पूरी मुलाकात और चर्चा में डा. अशोक शास्त्री निवासी मीठेपुर, सरायमीर आजमगढ़ भी साथ रहे ।
(साभार : फेसबुक)