लखनऊ : बहुत ही दुख और शर्म की बात है कि पुलिस ने बलात्कार के बाद हत्या करके पेड़ पर लटकाए गए दलित बेटियों के शवों को बिना पंचनामा के पोस्टमार्टम करा दिया । दलितों के उत्पीड़न और अत्याचार के मामले में पुलिस हमेशा आरोपियों के साथ सांठगांठ करती नजर आती है इससे पता चलता है कि पूरा सिस्टम दलितों के प्रति कितना पूर्वाग्रहों से भरा हुआ है। सरकारें और सिस्टम जब दबाव में आते हैं तभी दलितों से शोषण के मामले में कार्यवाही करते हैं ।
लखीमपुर मामले में दोषियों के साथ-साथ उन पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए जिन्होंने आरोपियों के साथ सांठगांठ करने की कोशिश की है ।
त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चाहिए कि अगर वह कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें । उनके शासनकाल में दलितों का उत्पीड़न लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी हम हाथरस के आंसू नहीं पोंछ पाए थे कि लखीमपुर में यह भयानक घटना घट गई ।
द्वारा : दद्दू प्रसाद, पूर्व कैबिनेट मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार एवं राष्ट्रीय संयोजक, सामाजिक परिवर्तन मिशन